मगरू महा देव और मंडी शिवरात्रि से जुड़ा हुआ इतिहास मगरू महादेव का मंदिर एक बहुत ही प्राचीन मंदिर हैl


 मगरू महा देव और मंडी शिवरात्रि से जुड़ा हुआ इतिहास मगरू महादेव का मंदिर एक बहुत ही प्राचीन मंदिर हैl मगरू महादेव दीन दुखियों के पालन हार,मगरू महादेव का मंदिर करसोग से ५०,जंजैहली से ३०,आनी से ३०,तथा जिला मंडी से १००,शिमला से १३० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह दो छोटी छोटी नदियों के बीच छतरी नाम के स्थान पर स्थित है. यह एक खूबसूरत जगह पर,पहाड़ों से घिरा हुआ है. श्रद्धालु दूर-दूर से यहाँ मन्नत मांगने और पूजा करने आते है. मगरू महादेव किसी को भी निराश नहीं करते और सबकी झोली भर देतें हैl मगरू महादेव का मंदिर प्राचीन काष्ट कला का एक अद्धभुत नमूना हैl मन्दिर में दीवारों पर लकड़ी की नकाशी ,इसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देती हैl मंदिर में मेले लगते रहते है,छतरी मेला उन में से सबसे प्रसिद्ध हैl जो अगस्त महीने में दिनांक १५ से शुरू हो के २० तक चलता हैl यह मेला देखने लोग दूर -दूर से आते है,और मेले का मुख्य आकर्षण लोक गायक होते हैl जो मेले की शोभा को और बढ़ाते हैl इस मेले के अलावा इस मंदिर में और भी मेले होते हैl जैसे छतरी लबी,छतरी ठहिरषुl मंदिर में हर महीने (साजा) में लोग आते है और अपने दुःख दर्द बताते हैl हर साल मगरू महादेव सभी नजदीकी गावों की यात्रा करते हैl ये गावों मुख्यतः-लस्सी,रुछाड़,रुमनी,लहरी,टिप्रा,मेहरी ,सेरी,चपलांदी,बैठवा,शिंगल,चौंरा और काकड़ा इसके अलावा भी और बहुत से और गांव हैl हर साल मगरू महादेव सभी नजदीकी गावों की यात्रा करते हैl ये गावों मुख्यतः-लस्सी,रुछाड़,रुमनी,लहरी,टिप्रा,मेहरी ,सेरी,चपलांदी,बैठवा,शिंगल,चौंरा और काकड़ा इसके अलावा भी और बहुत से और गांव हैl हर साल मगरू महादेव सभी नजदीकी गावों की यात्रा करते हैl ये गावों मुख्यतः-लस्सी,रुछाड़,रुमनी,लहरी,टिप्रा,मेहरी ,सेरी,चपलांदी,बैठवा,शिंगल,चौंरा और काकड़ा हर साल मगरू महादेव सभी नजदीकी गावों की यात्रा करते हैl  मगरू महादेव मंदिर छतरी में बही ज्ञान की गंगा  18 साल के बाद श्री शिवमहापुराण कथा एवं महायज्ञ का आयोजन जंजैहली, छतरी, मानगढ़ के 20 देवी-देवताओं के कारदार शामिल अमर उजाला ब्यूरो आनी (कुल्लू)। मंडी और कुल्लू की देवनगरी गांव छतरी स्थित मगरू महादेव मंदिर में श्री शिव महापुराण कथा एवं महायज्ञ का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। महायज्ञ में विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। श्री शिव महापुराण कथा का प्रवचन करते हुए आचार्य सोमदास ने कहा कि मनुष्य जीवन में एक बार शिव महापुराण कथा का श्रवण करना चाहिए। धार्मिक ग्रंथ सभी को मिलजुल कर प्रेम भाव से रहने की शिक्षा देते हैं। हमें अपने भगवान, देवी-देवता, माता-पिता, गुरुजनों का आदर और भक्ति करनी चाहिए। भगवान की हर कथा सच्चाई एवं ईमानदारी की सीख देती है।  इस अवसर पर कारदार सुरेंद्र राणा, गोविंद और देवेंद्र रावत ने बताया कि मगरू महादेव मंदिर छतरी में 18 साल के बाद श्री शिव महापुराण कथा एवं महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। महायज्ञ में जंजैहली, छतरी और मानगढ़ के 20 देवी-देवताओं के कारदार शामिल हुए हैं। हर दिन कथा में भारी संख्या में श्रद्वालु प्रवचन एवं भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। इस आयोजन में चेतराम शास्त्री, गोकल, ताराचंद, कमेटी प्रधान चेतराम, इंद्र सिंह और आनी क्षेत्र के कारदार समेत देवलु शामिल हुए हैं। आज पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ संपन्न होगा।

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